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अंधेरी शाम

9 अप्रैल को ये सारा नाटक शुरू हुआ था। जब देश मे हर रोज हज़ारो जाने जा रही थी तो bcci मनोरंजन के नाम पर अश्लीलता पड़ोस रहा था। आप सोच रहे होंगे कि मैं आईपीएल जैसे भव्य आयोजन को अश्लीलता क्यों कह रहा तो आप भी अपने विवेक को अपने साथ बिठा कर एक बार सोचिए कि ये अश्लीलता नही तो और क्या है, कि जब देश मे लाखो लोगो की जान जा चुकी थी, और हज़ारो की संख्या में लोग रोज मर रहे थे, लाखो की संख्या में संक्रमित हो रहे थे तो उस समय मे शाम के 7 बजे से लोगो का ध्यान भटकाने के लिए रोज एक पटकथा के तहत लोगो का ध्यान एक क्रिकेट टूर्नामेंट पे मोड़ दिया जाने लगा। ताकि आंकड़ो को छुपाया जा सके, टाला जा सके और मुमकिन हो तो दफनाया या जलाया भी जा सके।   सरकार चाहती तो शायद यह टूर्नामेंट कभी शुरू ही नही होता। लोगो की जान बचाना ज्यादा जरूरी समझा जाता। लोगो को ऑरेंज या पर्पल कैप के आंकड़े ना बताकर देश मे मौजूद बेड, वेंटिलेटर, डॉक्टर, अस्पताल के आंकड़ो से रूबरू करवाया जाता। लेकिन नही, क्योंकि ये आंकड़े बताने से सरकार की फजीहत हो जाती। खैर फजीहत तो अभी भी हो रही है जब आज 4 मई को आईपीएल को अनिश्चित काल के लिए पोस्टपोन कर दिया...